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Literature Under This Category | ||||
मीना कुमारी की शायरी - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड | ||||
दायरा, बैजू बावरा, दो बीघा ज़मीन, परिणीता, साहब बीबी और गुलाम तथा पाक़ीज़ा जैसी सुपरहिट फिल्में देने वाली अभिनेत्री मीना कुमारी को उनके अभिनय के लिए जाना जाता है। मीना कुमारी ने दशकों तक अपने अभिनय का सिक्का जमाए रखा था। 'मीना कुमारी लिखती भी थीं' इस बात का पता मुझे 80 के दशक में शायद 'सारिका' पत्रिका के माध्यम से चला था। |
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जहां रावण पूजा जाता है - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड | ||||
विजयादशमी पर भारतवर्ष में रावण के पुतले जलाने के प्रचलन से तो सभी परिचित हैं। वहीं कुछ स्थान ऐसे भी हैं जहां रावण पूजनीय है। विदिशा से करीब 45 किमी दूर रावण गांव में रावण की 12 फीट लंबी पत्थर की प्रतिमा स्थापित है और यहाँ सदियों से रावण की पूजा-अर्चना होती आ रही है। इस परंपरा का आज भी निर्वाह हो रहा है। दशहरे के अवसर पर तो आसपास के लोग भी इस गांव में आते हैैं। यहाँ रावण को 'रावण' संबोधित न कहकर 'रावण बाबा' पुकारा जाता है। |
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गांधी जी के बारे में कुछ तथ्य - भारत-दर्शन संकलन | Collections | ||||
गांधी जी के बारे में कुछ तथ्य:
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नेक बर्ताव - शिवपूजन सहाय | ||||
यह समझाने की जरूरत नहीं है कि भले बर्ताव से पराया भी अपना सगा बन जाता है और बुरे बर्ताव से अपना सगा भी पराया और दुश्मन बन जाता है। यह सब लोग जानते हैं कि चिड़िया और जानवर भी अपने हमदर्दो को पहचानते हैं, आदमी की तो कोई बात ही नहीं। सरकसों में तो बड़े-बड़े डरावने जानवर भी प्यार और पुचकार से अजीब करामात कर दिखाते हैं। |
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होली से मिलते जुलते त्योहार - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड | ||||
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हिंदी के बारे में कुछ तथ्य - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड | ||||
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हिंदी वेब मीडिया | Web Hindi Journalism - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड | ||||
क्या आप जानते हैं - वेब पर हिन्दी प्रकाशन और पत्रकारिता का आरंभ कब और कहाँ से हुआ? इंटरनेट पर हिंदी का पहला प्रकाशन कौनसा था?
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न्यूज़ीलैंड में उपनगर और स्थलों के भारतीय नाम - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड | ||||
'वैलिंगटन के नागरिक और आगंतुक न्यूयॉर्क शहर की तुलना में प्रति व्यक्ति अधिक कैफे, बार और रेस्तरां का आनंद उठाते हैं। 2017 के वैलिंगटन सिटी काउंसिल के आंकड़े पुष्टि करते हैं कि शहर में लगभग 200,000 निवासियों के लिए 850 रेस्तरां, बार और कैफे हैं यानि प्रत्येक 240 लोगों के लिए एक। न्यूयॉर्क शहर में प्रति व्यक्ति दर 340 है।‘ यह तथ्य शायद आप जानते हों लेकिन वैलिंगटन के कई स्थानों के नाम आपको हतप्रभ कर देंगे। राजधानी वैलिंगटन का एक उपनगर है खंडाला। इस उपनगर की गलियों के नाम देखिए - दिल्ली क्रेसेंट, शिमला क्रेसेंट, आगरा क्रेसेंट, मद्रास स्ट्रीट, अमृतसर स्ट्रीट, पूना स्ट्रीट, गोरखा क्रेसेंट, बॉम्बे स्ट्रीट, गंगा रोड, कश्मीरी एवेन्यू, कलकत्ता स्ट्रीट और मांडले टेरेस। यहाँ तक कि आपको ‘गावस्कर प्लेस' भी देखने को मिल जाएगा। |
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जानिए, भारत के पहले एम्स की स्थापना कैसे हुई - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड | ||||
क्या आप जानते है कि दिल्ली का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स /AIIMS) कैसे बना था? इसकी स्थापना में न्यूज़ीलैंड की विशेष भूमिका थी। |
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हिंदी के दिलदार सिपाही - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड | ||||
हिंदी के दिलदार सिपाही के अतर्गत हम ऐसे हिंदी सेवियों की जानकारी संकलित कर रहे हैं, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से हिंदी की सेवा की। इनमें अनेक विदेशी भी सम्मिलित हैं, जिन्होंने हिंदी से अटूट स्नेह किया। आज हिंदी इनपर गर्व करती है। |
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हमें हिंदी से प्यार है - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड | ||||
हिंदी से प्यार है? |
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माओरी कहावतें - भारत-दर्शन | ||||
एक माओरी कहावत है, ‘E tino mōhio ai te tāngata ki te tāngata me mōhio anō ki te reo me ngā tikanga taua tāngata.’ -- लोगों को अच्छी तरह से जानने के लिए, उनकी भाषा और रीति-रिवाजों को जानना आवश्यक है। तभी हमें लगा कि भारतीय दृष्टि से माओरी संसार को समझने का प्रयास करना चाहिए। |
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माओरी कहावतें (6-10) - भारत-दर्शन संकलन | Collections | ||||
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शारदाचरण मित्र - भारत-दर्शन | ||||
न्यायमूर्ति शारदाचरण मित्र देवनागरी लिपि के प्रबल समर्थक थे। आप चाहते थे कि समस्त भारतववर्ष में उसी का प्रचार हो। इसी उद्देश्य से 1905 में 'एक-लिपि-विस्तार परिषद्' नामक सभा स्थापित की, जिसके आप सभापति थे। इसी परिषद् ने 1907 में एक मासिक 'देवनागर' भी चलाया, जिसमें भारत की विभिन्न भाषाओं के लेख देवनागरी लिपि में रूपांतरित करके प्रकाशित किए जाते थे। इस मासिक में कन्नड़, तेलुगु, बांग्ला आदि की रचनाएं नागरी लिपि में प्रकाशित की जाती थीं। |
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पुर तानह लौट यानि तानह लौट मंदिर - प्रीता व्यास | न्यूज़ीलैंड | ||||
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न्यूज़ीलैंड में हिंदी | क्या आप जानते हैं - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड | ||||
न्यूज़ीलैंड में हिंदी : क्या आप जानते हैं? |
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अद्भुत अकल्पनीय अविश्वसनीय - प्रो. राजेश कुमार | ||||
यह 2013 का साल था और मैं गुजरात में निदेशक के पद पर गया था। अपने जिस पूर्ववर्ती से मुझे कार्यभार लेना था, उसने अन्य बातों के अलावा मेरे साथ मामाजी नामक शख्सियत का जिक्र किया और बताया कि उन्होंने मुझे बता दिया था कि मेरा स्थानांतरण 16 फ़रवरी को हो जाएगा। वे बहुत दिनों से अपने स्थानांतरण की कोशिश में थे, जो हो नहीं रहा था। उन्होंने आगे यह भी बताया कि मामाजी वैसे तो नेत्रहीन है, लेकिन उन्हें दिव्य दृष्टि प्राप्त है और वे भविष्य को देख लेते हैं। उनका स्थानांतरण 16 फ़रवरी को ही हुआ था। |
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सिंगापुर में भारत - डॉ संध्या सिंह | सिंगापुर | ||||
भारतीय नाम वाले महत्वपूर्ण रास्तों की कहानी |
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