उर्दू जबान ब्रजभाषा से निकली है। - मुहम्मद हुसैन 'आजाद'।
आज के दोहे  (काव्य)    Print  
Author:रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
 

हमने चुप्पी तान ली, नहीं करेंगे जंग ।
फिर भी दुनिया ना हटे, करती रहती तंग ।। 

तेरे मेरे रास्ते,  हैं बिल्कुल ही भिन्न ।
तू ‘जी-जी' करता रहे, मुझको इस से घिन्न ।।

हम को समझ न आ सके, इक-दूजे की बात ।
तुम व्यापारी हो भले,  मैं लेखक की जात ।।

ऑंखें अपनी मींच ले, मुँह से बोल न बोल ।
रिश्तों का अब तो यहाँ, यही बचा है मोल ।।

मैं तो मरजी जो करूँ, तुझे नहीं अधिकार ।
मुँह पर ताला डाल ले, बचा रहेगा प्यार ।।

‘रोहित' इस संसार में, किसको किससे प्रेम ।
हर कोई अब खेलता, अपनी-अपनी ‘गेम' ।।


- रोहित कुमार ‘हैप्पी'
  दिसंबर, २०१७

 

Back
 
 
Post Comment
 
  Captcha
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश