कुछ मीठे, कुछ खट्टे अनुभव : 10वां विश्व हिंदी सम्मेलन  (विविध)    Print  
Author:रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
 

विश्व हिंदी सम्मेलन भव्य था। इसकी सराहना भी हुई, विरोध भी, आलोचना भी और जैसा कि होता आया है यह विवादों से परे भी नहीं था।

सम्मेलन आरम्भ होने से पहले ही यह विवादों के घेरे में आ गया था। इसका प्रतीक चिन्ह, इसकी वेब साइट और सरकारी कार्यप्रणाली! इन सब का विरोध व आलोचना पहले से ही शुरू हो गई थी। आइए, आपको ले चलते हैं इस दसवें विश्व हिंदी सम्मेलन की खट्टी-मीठी यात्रा पर।

Back
More To Read Under This

 

विश्व हिंदी सम्मेलन : आदि से अंत
जाने भी दो....चाँद में भी दाग होता है
कैसे होगी हिंदी की प्रगति और विकास
तुम क्या जानो पीर पराई?
अथ हिंदी कथा अच्छी थी पर अपने झंडे को क्या हुआ
 
 
Post Comment
 
  Captcha
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें