कलयुग
कलयुग में पाई है बस यही शिक्षा हर बात पर मांगें हैं अग्नि-परीक्षा बुद्ध भी अगर आज उतरें धरा पर मांगे ना देगा उन्हें कोई भिक्षा।
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शांति
ढूंढता रहा उसे
मंदिर में, जंगल में, कंदराओं में
पर मिली नहीं
क्योंकि...
मन अपना मैंने
खोजा ही नहीं !
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मास्साब
वो हमें
पाठशाला में
हिंदी का पाठ
पढ़ाते रहे।
और...
उनके बच्चे
अंग्रेजी स्कूल में
जाते रहे!
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रिश्ता
उनकी मेरी
तू-तू, मैं-मै
और...
रहती तकरार भी है
लेकिन...
तुम चाहे जो समझो
हमको उनसे प्यार भी है ।
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- रोहित कुमार 'हैप्पी'
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