देशभाषा की उन्नति से ही देशोन्नति होती है। - सुधाकर द्विवेदी।
कबीर की कुंडलियां (काव्य)    Print  
Author:कबीरदास | Kabirdas
 

कबीर ने कुंडलियां भी कही हों इसका कहीं उल्लेख नहीं मिलता लेकिन कबीर की कुंडलियां भी प्रचलित हैं। ये कुंडलियां शायद उनके प्रशंसकों या उनके शिष्यों ने कबीर की साखियों को आधार बना लिखी हों। यदि आपके पास इसकी और जानकारी हो या आपने इसपर शोध किया हो तो कृपया जानकारी साझा करें।

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