परमात्मा से प्रार्थना है कि हिंदी का मार्ग निष्कंटक करें। - हरगोविंद सिंह।
ज्ञानप्रकाश विवेक की ग़ज़लें (काव्य)    Print  
Author:ज्ञानप्रकाश विवेक | Gyanprakash Vivek
 

प्रस्तुत हैं ज्ञानप्रकाश विवेक की ग़ज़लें !

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