भारत की परंपरागत राष्ट्रभाषा हिंदी है। - नलिनविलोचन शर्मा।
मेरा दिल मोम सा | कविता (काव्य)    Print  
Author:डॉ सुनीता शर्मा | न्यूज़ीलैंड
 

खिड़की दरवाजे लोहे के बना
बोल्ट कर लिए हैं मैंने
कोई कण धूल-सा आंखों में
ना चुभ जाए कहींl
मेरा दिल मोम सा
पिघल न जाए कहींl
बिस्तर पर भी चप्पल
उतारने से कतराती हूँ मैं
कोई फूल कांटा बनकर
ना चुभ जाए कहींl
मेरा दिल मोम सा
पिघल ना जाए कहींl
अंगुलियों में भी सुई लेकर
कपड़े सिलने से घबराती हूँ मैं
कोई याद जख्म बन
ना छिल जाए कहींl
मेरा दिल मोम सा
पिघल ना जाए कहींl

-डॉ॰ सुनीता शर्मा
 ऑकलैंड, न्यूज़ीलैंड
 ई-मेल: adorable_sunita@hotmail.com

Back
 
 
Post Comment
 
  Captcha
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश