प्रत्येक नगर प्रत्येक मोहल्ले में और प्रत्येक गाँव में एक पुस्तकालय होने की आवश्यकता है। - (राजा) कीर्त्यानंद सिंह।
शस्य श्यामलां  (काव्य)    Print  
Author:डॉ सुनीता शर्मा | न्यूज़ीलैंड
 

एक पत्थर फेंका गया मेरे घर में
फ़ेंकना चाहती थी
मैं भी उसे किसी शीश महल में
पर आ किसी ने हाथ रोक लिए
मंदिर में सजा दिया उसे
अब हो व्याकुल
कहीं नमी देखते ही
बो देना चाहती हूँ
आस्था विश्वास के बीज
लहलहा उठे फसलें
हृदय हो उठे फिर शस्य श्यामलां

-सुनीता शर्मा
 ऑकलैंड, न्यूज़ीलैंड
 ई-मेल: adorable_sunita@hotmail.com

 

Back
 
 
Post Comment
 
  Captcha
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश