प्रत्येक नगर प्रत्येक मोहल्ले में और प्रत्येक गाँव में एक पुस्तकालय होने की आवश्यकता है। - (राजा) कीर्त्यानंद सिंह।
जंगल में पढ़ाई | बाल-कविता (बाल-साहित्य )    Print  
Author:जयप्रकाश मानस | Jaiprakash Manas
 

एक दिन सभी पंछी ने सोचा
हम भी करें पढ़ाई।
सुख-दुःख की कथा बांच लें
बूझें शब्द अढ़ाई।

मोर पपीहा सुग्गा मैना
तीतर बटेर भी आए।
बरगद पर लग गई शाला
"अ" से अनार गाए।

सबसे बुद्धिमान समझ
कौआ को चुना गुरुजी।
जोड़-घटाव, गुणा-भाग की
कक्षा की गई शुरू जी।।

-- जयप्रकाश मानस

[जयप्रकाश मानस की बाल कविताएं, यश पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स दिल्ली]

 

 

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