प्रत्येक नगर प्रत्येक मोहल्ले में और प्रत्येक गाँव में एक पुस्तकालय होने की आवश्यकता है। - (राजा) कीर्त्यानंद सिंह।
 
दूध में दरार पड़ गई | कविता (काव्य)       
Author:Atal Bihari Vajpayee

खून क्यों सफेद हो गया?

भेद में अभेद खो गया।
बंट गये शहीद, गीत कट गए,
कलेजे में कटार दड़ गई।
दूध में दरार पड़ गई।

खेतों में बारूदी गंध,
टूट गये नानक के छंद।
सतलुज सहम उठी, व्यथित सी बितस्ता है।
वसंत से बहार झड़ गई।
दूध में दरार पड़ गई।

अपनी ही छाया से बैर,
गले लगने लगे हैं ग़ैर,
ख़ुदकुशी का रास्ता, तुम्हें वतन का वास्ता।
बात बनाएं, बिगड़ गई।
दूध में दरार पड़ गई।

- अटल बिहारी वाजपेयी
[Poems by Atal Bihari Vajpayee]

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