देशभाषा की उन्नति से ही देशोन्नति होती है। - सुधाकर द्विवेदी।
 
श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया (काव्य)       
Author:मीराबाई | Meerabai

श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया ।। टेर ।।

ऐसी वो रंग दे रंग नाई छूटे,
धोबनिया धोये चाहे सारी उमरिया।

बिना रंगाये बाहर ना जाऊँ,
चाहे तो बीत जाए सारी उमरिया।

लाल न ओढूँ पीली न ओढूँ,
ओढूँगी श्याम तेरी काली कमलिया।

गागर जो भर दे, सिर पे जो धर दे,
चलके बता दे श्याम तेरी नगरिया।

बाई मीरा कहे गिरधर नागर,
हरि के चरण चित्त लागी रे लगनिया।

- मीरा बाई

 

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