देशभाषा की उन्नति से ही देशोन्नति होती है। - सुधाकर द्विवेदी।
 
झूठों ने झूठों से  (काव्य)       
Author:राहत इंदौरी

झूठों ने झूठों से कहा है सच बोलो
सरकारी ऐलान हुआ है सच बोलो

घर के अंदर झूठों की एक मंडी है
दरवाजे पर लिखा हुआ है सच बोलो

गुलदस्ते पर यकजहती* लिख रखा है
गुलदस्ते के अंदर क्या है सच बोलो

गंगा मैया डूबने वाले अपने थे
नाव में किसने छेद किया है सच बोलो

- राहत इंदौरी


*यकजहती = एकता

Back
 
 
Post Comment
 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश