अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
 
तंत्र (काव्य)       
Author:गोरख पाण्डेय

राजा बोला रात है,
रानी बोली रात है,
मंत्री बोला रात है,
संतरी बोला रात है,
--यह सुबह-सुबह की
बात है।

-गोरख पाण्डेय

 

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