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Archive of March- April 2019 Issue
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इस अंक में 'कथा-कहानी' के अंतर्गत कहानियाँ, लघु-कथाएं व बाल कथाएं। इस अंक के काव्य में सम्मिलित है - कविताएं, दोहे, भजन, बाल-कविताएं, हास्य कविताएं व गज़ल।
अलविदा गूगल +
2 अप्रैल 2019 से गूगल + की सेवाएँ बंद हो रही हैं। भारत-दर्शन अपने 1,39,131 अनुसरणकर्ताओं को उनके असीम स्नेह के लिए अपना आभार व्यक्त करता है। कई चीजों पर आपका नियंत्रण नहीं होता - हमें खेद है कि इतनी उत्तम सेवा अब विराम ले रही है।
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एक बार फिर, आप सभी का आभार।
23 मार्च 'भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू' का बलिदान-दिवस होता है। उन्हीं की समृति में यहां शहीदी-दिवस को समर्पित विशेष समग्री प्रकाशित की गई है।
इस अंक में प्रेमचंद की कहानी, 'होली का उपहार', आचार्य चतुरसेन की क्रांतिकारियों के जीवन को रेखांकित करती कहानी, 'ख़ूनी', अज्ञेय की कहानी, 'शत्रु', सीख देती एक 'चूहे की कहानी', मनीष मिश्रा की कहानी 'सरकारी नियमानुसार' प्रकाशित की गई हैं।
लघु-कथाओं में खलील जिब्रान की लघुकथा, 'शांति और युद्ध', मेरी बायल ओ'रैली की अनुवादित लघुकथा, 'एक-दो-तीन', नरेंद्र कोहली की, 'प्रभाव', मंटो की 'जूता' और ज्ञान प्रकाश की 'आखिर क्यों' पठनीय हैं।
सदैव की भांति काव्य में गीत, दोहे, कविताएं, ग़ज़लें व हास्य-काव्य प्रकाशित किया गया है।
इस अंक में महादेवी वर्मा, फणीश्वरनाथ रेणु व अज्ञेय की रचनाएं प्रकाशित की गई हैं। महादेवी वर्मा का जन्म-दिवस 26 मार्च को होता है, वैसे वे होली के दिन ही पैदा हुई थीं। अन्य भारतीय उत्सवों की तरह होली के साथ भी विभिन्न पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। यहाँ विभिन्न कथाओं को उद्धृत किया गया है। पढ़िए 'होली की पौराणिक कथाएं'।
बाल साहित्य में बाल-कविताएँ, पंचतंत्र की कहानी प्रकाशित की गई है।
प्रीता व्यास आपको इस बार इंडोनेशिया की मरघट में होने वाले नृत्य 'कालोनारांग' से परिचित करवा रही हैं।
आज हमारा मीडिया विचलित है, गणेश शंकर विद्यार्थी से जानिए 'पत्रकार का दायित्व'।
होली से संबंधित पिछले अंकों की रचनाएं यहां पढ़ें जिनमें सम्मिलित हैं- 'होली की पौराणिक-कथाएं, मीरा के होली पद, घासीराम के होली पद, सूरदास के पद, जैमिनी हरियाणवी की हास्य कविता, 'प्यार भरी बोली', फणीश्वरनाथ रेणु की पहली कविता, 'होली', भारतेंदु की ग़ज़ल, 'गले मुझको लगा लो ए दिलदार होली में', प्रेमचंद की कहानी, 'होली की छुट्टी', रसखान के फाग सवैय्ये, आलेखों में - डा जगदीश गांधी का, 'आपसी प्रेम एवं एकता का प्रतीक है होली' और अशोक भाटिया का आलेख 'होली आई रे'।
आशा है पाठकों का स्नेह मिलता रहेगा। आप भी भारत-दर्शन में प्रकाशनार्थ अपनी रचनाएं भेजें। इस अंक से हम हिंदी लेखकों व कवियों के चित्रों की श्रृँखला भी प्रकाशित कर रहे हैं यदि आप के पास दुर्लभ चित्र उपलब्ध हों तो अवश्य प्रकाशनार्थ भेजें। इस अनूठे प्रयास में अपना सहयोग दें।
इधर हम कुछ समय से देख रहे हैं कि हिन्दी के अनेक प्रकाशन व टीवी चैनल 'भारत-दर्शन' की सामग्री का उपयोग कर रहे हैं। हमें प्रसन्नता है कि हम आपके काम आ रहे हैं। हमारी बहुत-सी सामग्री हमारे अथक-परिश्रम और शोध का परिणाम है यथा आपसे विनम्र विनती है कि सहर्ष सामग्री का उपयोग करें किन्तु सामग्री के साथ 'भारत-दर्शन' का उल्लेख अवश्य करें। इससे हमें बल मिलेगा और प्रोत्साहन भी।