कथा कहानियां कविताएं | सितम्बर-अक्टूबर 2018
परमात्मा से प्रार्थना है कि हिंदी का मार्ग निष्कंटक करें। - हरगोविंद सिंह।

Archive of सितम्बर-अक्टूबर 2018 Issue

सितम्बर-अक्टूबर  2018

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प्रेमचंद की पुण्यतिथि -8 अक्टूबर 

प्रेमचंद की स्मृति में पढ़िए - प्रेमचंद का अंतिम दिन।  

 

गाँधी जयंती पर विशेष

भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास कर्मचंद गाँधी जिन्हें बापू व महात्मा गांधी भी संबोधित किया जाता है, का जन्म-दिवस हर वर्ष 2 अक्तूबर को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। गांधी जयंती के अवसर पर पढ़िए गांधीजी से संबंधित कविताएं, आलेख, गांधी जी के अनमोल वचन, गांधी जी के बारे में कुछ तथ्य, गांधीजी के पौत्र अरुण गांधी से बातचीत।  


भगत सिंह जयंती पर विशेष

27 सितंबर को 'शहीद भगत सिंह' का जन्म-दिवस होता है। कुछ विवरणों में भगत सिंह का जन्म-दिवस 28 सितंबर भी दिया गया है।

अमर शहीद सरदार भगत सिंह का नाम विश्व में 20वीं शताब्दी के अमर शहीदों में बहुत ऊँचा है। भगतसिंह अपने देश के लिए ही जीए और उसी के लिए शहीद हो गए।

उन्हीं की स्मृति में यहां उन्हें समर्पित विशेष सामग्री प्रकाशित की गई है:

भगत सिंह का बचपन
"मैं नास्तिक क्यों हूँ?" -भगत सिंह का आलेख 
भगत सिंह का भाई कुलतारसिंह को लिखा हुआ पत्र
भगत सिंह की शायरी 
भगतसिंह पर लिखी कविताएं

भगत सिंह को पसंद थी ये ग़ज़ल

इस अंक की कथा-कहानियों में  प्रेमचंद की 'सत्याग्रह',  चित्रा मुद्गल की 'भूख', भीष्म साहनी की 'चीफ़ की दावत',  अभिमन्यु अनत की 'अब कल आएगा यमराज' प्रकाशित की गई हैं। इसके अतिरिक्त लघु-कथाएंलोक-कथाएंसंस्मरण प्रकाशित किए गए हैं।

लोक-कथाओं में रामनरेश त्रिपाठी की 'पूत पूत, चुप चुप 'प्रकाशित की गई हैं।

काव्य में गीत, ग़ज़ल, कविता, दोहे, भजन व हास्य कविताएं सम्मिलित की गई हैं। 

बाल-साहित्य के अंतर्गत फ़ादर पालडेंट एस० जे० की 'कितनी देर लगेगी ?' बच्चों के लिए पठनीय है।  इस अंक के बाल-गीत पढ़कर बच्चे आनंदित होंगे।

आलेखों मे भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का आलेख 'हिन्दी भाषा की समृद्धता', राहुल सांकृत्यायन का 'हिन्दी का स्थान', 'अटल जी का ऐतिहासिक भाषण', अरविंद कुमार का 'डिजिटल संसार में हिन्दी के विविध आयाम', प्रो.वीरेंद्र सिंह चौहान का 'हिंदी वालों को अटल-पताका की डोर फिर थमा गया विश्व हिंदी सम्मेलन' सम्मिलित किए गए हैं। इनमें से भारतेन्दु हरिश्चन्द्र व राहुल सांकृत्यायन का आलेख दुर्लभ हैं।

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