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Archive of हिंदी : सितंबर-अक्टूबर 2017 Issue
दीपावली पर आप सभी को शुभ-कामनाएं। दीवाली अब केवल भारत तक ही सीमित न रहकर विश्व भर में आयोजित की जाने लगी है। पूरा संसार दीवाली से परिचित हो चुका है।
दीवाली को दीपावली भी कहा जाता है। आइए, दीवाली व इसके पौराणिक महत्व की चर्चा करें!
हिंदी-दिवस पर आप सभी पाठकों को शुभ-कामनाएं । सम्पूर्ण अँक यहाँ पढ़ें ।
1975 से विश्व हिंदी सम्मेलन संसार के विभिन्न देशों में आयोजित किए जाते रहे हैं। 2015 में दसवें विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन 10 से 12 सितंबर तक भारत में मध्य प्रदेश राज्य के भोपाल नगर में किया गया था।
प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन 10-12 जनवरी 1975 को नागपुर, भारत में आयोजित किया गया था।
विश्व हिंदी सम्मेलनों के प्रमुख लक्ष्य हिंदी भाषा का प्रचार एवं प्रसार करना व इसे विश्व भाषा के रूप में स्थापित करना है।
2015 में 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन के अवसर पर भोपाल पूर्णतया हिंदीमय दिखाई पड़ता था। भोपाल की सड़के, चौराहे व भवन सब हिंदीमय थे। आइए, विश्व-हिंदी सम्मेलन की चित्र-दीर्घा देखें।
इस अँक में हिंदी दिवस पर विशेष सामग्री, न्यूज़ीलैंड की हिंदी पत्रकारिता, सुभाषचंद्र बोस के विचार में, 'हिंदी और राष्ट्रीय एकता'।
इस अंक में पढ़िए - शरतचंद्र की कहानी, 'विलासी', सुशांत सुप्रिय की कहानी, 'बदबू'।
गाँधी जयंती व लालबहादुर शास्त्री जयंती पर विशेष सामग्री ।
गांधी जयंती पर गांधीजी पर विशेष सामग्री। 2 अक्टूबर को शास्त्री जी की भी जयंती होती है - शास्त्री जी पर विशेष सामग्री।
विश्व हिन्दी सम्मेलन के दौरान प्रचारित 'हिंदी भाषा गान' का वीडियो देखिए।
हिंदी के विकास की संगीतमय कथा नाटिका - 'अथ हिंदी कथा' का वीडियो देखिए।
मैथिलीशरण गुप्त की 'भारत-भारती' व 'रामावतार त्यागी की, 'मैं दिल्ली हूँ' भी पढ़ें। इसके अतिरिक्त डॉ ओम विकास का आलेख, 'समग्र विकास के लिए हिन्दी : देवनागरी में या रोमन में ?' 'विश्व हिन्दी सम्मेलन प्रेस वार्ता', राजेश्वर वशिष्ठ की कविता, 'कुंती की याचना', आनन्द विश्वास की बाल कविता, 'बच्चो, चलो चलाएं चरखा' सम्मिलित की गई हैं। व्यंग्य, कथा-कहानी, लघु-कथाएं, ग़ज़लें, कविताएं, गीत, दोहे व बाल-साहित्य सामग्री तो यथावत पठनीय है ही।
आशा है पाठकों का स्नेह मिलता रहेगा। आप भी भारत-दर्शन में प्रकाशनार्थ अपनी रचनाएं भेजें। हिंदी लेखकों व कवियों के चित्रों की श्रृँखला भी देखें। यदि आप के पास दुर्लभ चित्र उपलब्ध हों तो अवश्य प्रकाशनार्थ भेजें। इस अनूठे प्रयास में अपना सहयोग दें।