बाल साहित्य विशेषांक
परमात्मा से प्रार्थना है कि हिंदी का मार्ग निष्कंटक करें। - हरगोविंद सिंह।

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बाल विशेषांक

14 नवंबर को 'बाल-दिवस' होता है। हिन्दी साहित्य में बाल साहित्य की परम्परा बहुत समृद्ध है। पंचतंत्र की कथाएँ बाल साहित्य का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। इस अँक में बाल-साहित्य जिसमें बाल-कथाएँ, बाल कहानियां, बाल कविताएं, पौराणिक कथाएं व कहानियाँ  प्रमुखता से प्रकाशित किया गया हैं । बालकथा-कहानी में मुंशी प्रेमचंद की 'परीक्षा', 'पागल हाथी', रबीन्द्रनाथ ठाकुर की 'काबुली वाला', सुदर्शन की 'हार की जीत', निराला की सीख भरी कथा 'दो घड़े', महादेवी वर्मा की 'गिल्लू', जयशंकर प्रसाद की, 'छोटा जादूगर', भगवतीप्रसाद वाजपेयी की 'मिठाईवाला', हरिवंश राय बच्चन की बाल कहानी, 'चुन्नी मुन्नी', सुभद्राकुमारी चौहान की 'हींगवाला', विष्णु प्रभाकर की 'मैंने झूठ बोला था' के अतिरिक्त 'जैसा सवाल वैसा जवाब', 'कौआ और लोमड़ी', 'बंटवारा नहीं होगा', 'फ़क़ीर का उपदेश' व रोहित कुमार 'हैप्पी' की 'पारस' प्रकाशित की गई हैं ।

बाल-काव्य में अनेक बाल कविताएं दी गई हैं ।

मैथिलीशरण गुप्त की 'भारत-भारती' व 'रामावतार त्यागी की, 'मैं दिल्ली हूँ' भी पढ़ें।

बाल-दिवस पर रोहित कुमार 'हैप्पी' की कविता 'उसे कुछ मिला नहीं !'

कूड़े के ढेर से
कुछ चुनते हुए बच्चे को देख
एक चित्रकार ने
करुणामय चित्र बना डाला

भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री अटलबिहारी वाजपेयी का 25 दिसंबर को जन्म-दिवस होता है। उनकी रचनाएं यहाँ पढ़ें।

आशा है पाठकों का स्नेह मिलता रहेगा। आप भी भारत-दर्शन में प्रकाशनार्थ अपनी रचनाएं भेजें। 

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