प्रत्येक नगर प्रत्येक मोहल्ले में और प्रत्येक गाँव में एक पुस्तकालय होने की आवश्यकता है। - (राजा) कीर्त्यानंद सिंह।
हरिवशंराय बच्चन की कविताएं
9.99
Author : हरिवशंराय बच्चन
Publisher : भारत-दर्शन
Publishing Year : 2014
Pages : 156
ये कविताएं उन सभी प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व करती हैं जिनके अन्तर्गत बच्चन आज तक कविता लिखते रहे हैं, और जो एक तरह से हिन्दी कविता में आरंभ से उनके समय तक चली सभी प्रवृत्तियों को एक व्यक्ति और उसके कृतित्व के माध्यम से भी इस संकलन का विशेष स्थान और महत्त्व है। इसमें हिन्दी कविता का आरंभिक छायावाद और रहस्यवाद, उनका अपना मधुवाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता आदि सभी कुछ एक साथ आ जाता है—जो कवि बच्चन का अपना श्रेय तथा उनकी गौरवपूर्ण उपलब्धि है।

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