जब से हमने अपनी भाषा का समादर करना छोड़ा तभी से हमारा अपमान और अवनति होने लगी। - (राजा) राधिकारमण प्रसाद सिंह।
चित्र-दीर्घा :   Hindi-Authors

सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

मुँशी प्रेमचंद | Munshi Premchand

हिंदी संत कवि कबीरदास

संत कवि सूरदास

गुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर

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कवि प्रदीप
 

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