प्रेमचंद के बाद हिंदी साहित्य में जिन लेखकों को सम्मान मिला उनमें यशपाल अग्रणी हैं। यशपाल ने देश की स्वतंत्रता के लिए एक क्रांतिकारी के रूप में लड़ाई लड़ी। वे चंद्रशेखर आज़ाद, भगतसिंह, राजगुरू और सुखदेव के साथी रहे। यशपाल की कहानी दुख का अधिकार व परदा किसे याद न होगी!