देशभाषा की उन्नति से ही देशोन्नति होती है। - सुधाकर द्विवेदी।
 
आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय जयंती | 2 अगस्त
   
 

आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय का जन्म 2 अगस्त, 1861 में जैसोर ज़िले के ररौली गांव में हुआ था। यह स्थान अब बांग्लादेश में है तथा खुल्ना ज़िले के नाम से जाना जाता है। उनके पिता हरिश्चंद्र राय इस गाँव के प्रतिष्ठित जमींदार थे। वे प्रगितशील तथा खुले दिमाग के व्यक्ति थे। आचार्य राय की माँ भुवनमोहिनी देवी भी एक प्रखर चेतना-सम्पन्न महिला थीं।

आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय भारत में रसायन विज्ञान के जनक माने जाते हैं। वे एक सादगीपसंद तथा देशभक्त वैज्ञानिक थे जिन्होंने रसायन प्रौद्योगिकी में देश के स्वावलंबन के लिए अप्रतिम प्रयास किए।

वे 'सादा जीवन उच्च विचार' के सिद्धांत वाले बहुआयामी व्यक्तित्व थे। उनसे प्रभावित होकर महात्मा गांधी ने कहा था,"शुद्ध भारतीय परिधान वाले इस सरल व्यक्ति को देखकर विश्वास ही नहीं होता कि यह एक महान वैज्ञानिक हो सकता है।"

प्रफुल्लचंद्र राय की प्रतिभा इतनी विलक्षण थी कि उनकी आत्मकथा "लाइफ़ एण्ड एक्सपीरियेंसेस ऑफ़ बंगाली केमिस्ट" यानी 'एक बंगाली रसायनज्ञ का जीवन एवं अनुभव' के प्रकाशित होने पर अंतरराष्ट्रीय विज्ञान पत्रिका "नेचर" ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए लिखा था, "लिपिबद्ध करने के लिए संभवत: प्रफुल्लचंद्र राय से अधिक विशिष्ट जीवन चरित्र किसी और का हो ही नहीं सकता।"

निधन : 16 जून, 1944 को आपका निधन हो गया।

 
 
 
 

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