अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
 
भीष्म साहनी जयंती | 8 अगस्त
   
 

भीष्म साहनी को हिन्दी साहित्य में प्रेमचंद की परंपरा का अग्रणी लेखक माना जाता है। हिंदी साहित्य को 'तमस्' जैसे कालजयी उपन्यास देकर साहित्य की समृद्धि करने वाले 'भीष्म साहनी' का जन्म 8 अगस्त को रावलपिंडी पाकिस्तान में हुआ था। लाहौर गवर्नमेन्ट कॉलेज, लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में एम ए करने के बाद साहनी ने 1958 में पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की।

तमस्, झरोखे, बसन्ती, मायादास की माडी, कुन्तो, नीलू निलिमा निलोफर (उपन्यास), मेरी प्रिय कहानियां, भाग्यरेखा, वांगचू, निशाचर (कहानी संग्रह) हनूश, माधवी, कबीरा खड़ा बजार में, मुआवज़े (नाटक) इत्यादि आपकी प्रमुख रचनाएं हैं।

भीष्म साहनी का जीवन परिचय व उनकी रचनाएं यहाँ पढ़ें।

 

 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश