प्रत्येक नगर प्रत्येक मोहल्ले में और प्रत्येक गाँव में एक पुस्तकालय होने की आवश्यकता है। - (राजा) कीर्त्यानंद सिंह।
 
अहोई अष्टमी | 8 नवंबर 2020
   
 

कार्तिक कृष्णा अष्टमी को अहोई का व्रत किया जाता है। यह व्रत वे ही स्त्रियाँ करती हैं जिनके सन्तान होती है। स्त्रियाँ दिनभर व्रत रखती हैं। सांयकाल को दीवार पर आठ कोष्ठक की पुतली लिखी जाती है। उसी के पास सेई और सेई के बच्चों के चित्र भी बनाए जाते हैं। धरती पर चौक पूर कर कलश स्थापित किया जाता है। कलश के पूजन के बाद दीवार पर लिखी अष्टमी का पूजन किया जाता है। दूध-भात का भोग लगाकर कथा कही जाती है।

अहोई की कथाएं व आरती यहाँ पढ़ें।

[भारत-दर्शन]

 

 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश