अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
 
रेत और पत्थर | दैनिक प्रेरणादायक कहानी - भारत-दर्शन संकलन    
 
रेत और पत्थर | दैनिक प्रेरणादायक कहानी
   Author:  भारत-दर्शन संकलन

दो दोस्त एक बार रेगिस्तान से गुजर रहे थे। रास्ते में उनके बीच बहस छिड़ गई और पहले दोस्त ने दूसरे को थप्पड़ मार दिया। दूसरे दोस्त ने बिना कुछ कहे, रेत पर लिखा,  "आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मुझे थप्पड़ मारा।"

यह लिखने के बाद दोनों फिर चल दिए। रास्ते में एक नदी आई। दूसरा दोस्त उसमें नहाने के लिए उतरा और डूबने लगा। पहले दोस्त ने तुरंत नदी में कूद कर उसकी जान बचा ली।

इस बार दूसरे दोस्त ने पत्थर पर लिखा,  "आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मेरी जान बचाई।"

यह देख पहले दोस्त ने उससे रेत और पत्थर पर लिखने का कारण पूछा।

उसने उत्तर दिया,  "जब कोई कष्ट पहुंचाए तो उसे रेत पर लिखना चाहिए, ताकि क्षमा की हवा उसे मिटा सके लेकिन अगर कोई सहायता करे तो उसे पत्थर पर लिखना चाहिए, जिससे आप हमेशा उस उपकार को याद रख सकें।"

 

 
 
Posted By anup   on  Friday, 01-May-2015
Mi bhuth lucky hu ki mujhe ek carefull dost mila hi.Indrjeet o mera bhuth care krtha hi.khuda se vi mi duaa krtha hu ki mi or mrea dost indrjeet kvi vi alg na ho. ise story ki therh.
Posted By Lalit Banjara   on  Thursday, 01-Jan-1970
www.hindismartblog.blogspot.in

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