देशभाषा की उन्नति से ही देशोन्नति होती है। - सुधाकर द्विवेदी।
 
हिंदी - रोहित कुमार 'हैप्पी'    
 
हिंदी
   Author:  रोहित कुमार 'हैप्पी'

हिंदी के कवियों, लेखकों व साहित्यकारों का समारोह चल रहा था।

बाहर मेज पर एक पंजीकरण-पुस्तिका रखी थी। जो भी आता उसे उस पुस्तिका में हस्ताक्षर करने थे। सभी आगंतुक ऐसा कर रहे थे। मैं भी पंक्ति में खड़ा था। अपना नम्बर आने पर मैं हस्ताक्षर करने लगा तो पुस्तिका में दर्ज सैंकड़ों हिंदी कवियों, लेखकों व साहित्याकारों के हस्ताक्षरों पर मेरी दृष्टि पड़ी - एक-आध हस्ताक्षर ही हिंदी में था। हिंदी में रचना करने वाले कवियों, लेखकों व साहित्यकारों का यह कर्म मेरी समझ से परे था।


- रोहित कुमार 'हैप्पी'

 
 

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