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Total Number Of Record :2मुर्गे जी महाराज
सुबह उठे कि दिये बाँग
मुर्गे जी महाराज
आप जगे औरों को जगाये
कर ऊंची आवाज।
फट-फट-फट फिर कुकररूँ कूँ
ज़ोरों से गोहराये
एक नहीं पर सब मुर्गे
अपनी आवाज उठायें।
बाँग दिये फिर चले ढूँढने
इधर-उधर अनाज
...
नंगोना
जहाँ नंगोने की थारी
वहाँ जनता है उमड़ी भारी,
सिकुड़ गई चेहरे की चमड़ी
बिगड़ी है सूरत प्यारी,
फिर भी कुटे और छने नंगोना
चल रही प्याली पर प्याली।
बेटा बिना फीस दे पढ़ता
बेटी बिन पुस्तक के,
फिर भी बापू रात-रात भर
...