देशभाषा की उन्नति से ही देशोन्नति होती है। - सुधाकर द्विवेदी।
 
अनिता बरार | ऑस्ट्रेलिया

1989 से ऑस्ट्रेलिया में बसी अनिता बरार, वृतचित्र ( डॉक्यूमेंट्री फिल्म) निर्माता निर्देशक, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में एक लेखिका, नाटककार और कवि भी हैं। वह घरेलु हिंसा जैसे सामाजिक विषय पर विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया में एक सामुदायिक राजदूत (कम्यूनिटी एम्बेसडर) हैं तथा मानसिक स्वास्थ्य पर नेशनल रिसर्च संस्थान के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी हैं।

अनिता बरार द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘क्रॉसिंग द लाइन' को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों और ऐशियन अध्ययन पर वैश्विक सम्मेलनों में नामांकन और पुरस्कार मिले हैं । यह फिल्म, भारत के विभाजन की व्यथा दर्शाती है।

घरेलू हिंसा के विषय पर बनी उनकी फिल्म ऑस्ट्रेलिया में एक संसाधन सामग्री है। उन्होंने भारतीय सिनेमा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में शोधपत्र भी प्रस्तुत किए हैं।

जाने माने कवि गोपाल दास नीरज जी और महान गायक मन्ना डे द्वारा ऑस्ट्रेलिया दौरे पर, उनके स्वागत हेतु लघु फिल्में बनायी जिसे कलाकारों ने अनूठा प्रयोग कहा और इन फिल्मों को स्थानीय और भारतीय मीडिया में बेहद सराहा गया।

अनिता बरार की कहानियाँ और कविताएँ हिंदी और अंग्रेजी पत्रिकाओं तथा संकलनों में प्रकाशित हुई हैं। हिंदी नाटकों के मंचन के अलावा, उनके अँग्रेजी नाटकों का ऑस्ट्रेलिया की मुख्य धारा में मंचन हुआ है। अनिता के द्वारा लिखे गीतों को ऑस्ट्रेलिया में संगीतकारों और गायकों द्वारा सीडीज़ पर रिलीज किया गया।

इसके अलावा, अनीता ने ऑस्ट्रेलिया में ही रिलीज एक सी डी ‘संकल्प' में भारत के पूर्व प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की कविता को स्वर प्रदान किये हैं।

उन्हें कहानी ‘अस्तित्व' के लिये 70 के दशक में अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता में प्रथम पुस्कार तथा 2019 में विश्व हिंदी सचिवालय (मॉरीशस) द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय कहानी प्रतियोगिता में ‘तीन पत्र' कहानी के लिये तृतीय पुरस्कार मिला है। इसके साथ साथ उन्हें ‘भवन आस्ट्रेलिया' द्वारा हिंदी योगदान के लिये सम्मानित भी किया गया है।

अकादमिक रूप से, वह भाषा विज्ञान में स्नातकोत्तर और विज्ञान में स्नातक की डिग्री रखती है।

वर्तमान में, अनिता बरार, ऑस्ट्रेलिया में एस बी एस (SBS - Special Broadcasting Service ) राष्ट्रीय टी वी और रेडियो चैनल में हिंदी रेडियो प्रोड्यूसर तथा उद्घोषक हैं।

 

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मेरी अभिलाषा | कविता

चाहती हूँ आज देना, प्यार का उपहार जग को।।

मुग्ध सपनों के जगत से माँग मैं अरमान लायी,
भावनाओ के भवन से साथ मधु के गान लायी।

कंठ से कल कोकिला के मैं मधुर संगीत लेकर
विश्व में मधुमास की मधुमय चपल मुस्कान लेकर।

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दूर गगन पर | गीत

दूर गगन पर सँध्या की लाली
सतरंगी सपनों की चुनरी लहरायी
आँचल में भरकर तुझे ओ चंदा
चाँदनी बनकर मैं मुस्करायी
दूर गगन पर----

सँध्या के घूँघट में चंदा ये पुरनम,
सागर के आँचल में लहरों की धडकन
साँसों में छायी वीणा की सरगम
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सुहाना सहाना लगे | गीत

सुहाना सहाना लगे
यह मौसम, यह रिमझिम
यह सरगम, यह गुंजन
यादों के बीच चले जब बचपन
सुहाना सूहाना लगे यह मौसम यह रिमझिम

मदहोश लहरों से सतरंगी सपने
आँखों में ठहरे साँझ सवेरे
धरती को चूमें अमुवा की डालें
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तीन पत्र | कहानी

निनी ने फोन को टेबल पर रक्खा। कांपते हाथों से आँसू पोंछते हुए खिड़की से बाहर देखा । काले बादलों के बीच सूरज कहीं छुप गया था । दूर समुद्री लहरें उफान पर थी, जैसे रेत पर पहले पहुँचने की लालसा में लहरें एक दूसरे के साथ होड़ में लिप्त हों।

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