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Total Number Of Record :4शस्य श्यामलां
एक पत्थर फेंका गया मेरे घर में
फ़ेंकना चाहती थी
मैं भी उसे किसी शीश महल में
पर आ किसी ने हाथ रोक लिए
मंदिर में सजा दिया उसे
अब हो व्याकुल
कहीं नमी देखते ही
बो देना चाहती हूँ
आस्था विश्वास के बीज
लहलहा उठे फसलें
...
जवाब
दोहराता रहेगा इतिहास
भी युगों-युगों तक यह
दुर्योधन - दुशासन की
कुटिल राजनीति की
बिसात पर खेली गयी
द्रौपदी चीर-हरण जैसी
प्रवासी मजदूरों की
अनोखी कहानी,
जब पूरी सभा रही मौन
और मानवता - सिसकती
व कराहती हुई
...
मेरा दिल मोम सा | कविता
खिड़की दरवाजे लोहे के बना
बोल्ट कर लिए हैं मैंने
कोई कण धूल-सा आंखों में
ना चुभ जाए कहींl
मेरा दिल मोम सा
पिघल न जाए कहींl
बिस्तर पर भी चप्पल
उतारने से कतराती हूँ मैं
कोई फूल कांटा बनकर
ना चुभ जाए कहींl
...
सुनीता शर्मा के हाइकु
एक पत्थर फेंका गया मेरे घर में
फ़ेंकना चाहती थी
मैं भी उसे किसी शीश महल में
पर आ किसी ने हाथ रोक लिए
मंदिर में सजा दिया उसे
अब हो व्याकुल
कहीं नमी देखते ही
बो देना चाहती हूँ
आस्था विश्वास के बीज
लहलहा उठे फसलें
...