Author's Collection
Total Number Of Record :4कविता क्या है
कविता क्या है
हाथ की तरफ
उठा हुआ हाथ
देह की तरफ झुकी हुई आत्मा
मृत्यु की तरफ़
घूरती हुई आँखें
क्या है कविता
कोई हमला
हमले के बाद पैरों को खोजते
लहूलुहान जूते
नायक की चुप्पी
विदूषक की चीख़
बालों के गिरने पर
...
मातृभाषा
जैसे चींटियाँ लौटती हैं
बिलों में
कठफोड़वा लौटता है
काठ के पास
वायुयान लौटते हैं एक के बाद एक
लाल आसमान में डैने पसारे हुए
हवाई-अड्डे की ओर
ओ मेरी भाषा
मैं लौटता हूँ तुम में
जब चुप रहते-रहते
अकड़ जाती है मेरी जीभ
...
दो मिनट का मौन
भाइयो और बहनो
यह दिन डूब रहा है
इस डूबते हुए दिन पर
दो मिनट का मौन
जाते हुए पक्षी पर
रुके हुए जल पर
झिरती हुई रात पर
दो मिनट का मौन
जो है उस पर
जो नहीं है उस पर
जो हो सकता था उस पर
दो मिनट का मौन
गिरे हुए छिलके पर
...
फागुन का गीत
गीतों से भरे दिन फागुन के ये गाए जाने को जी करता!
ये बाँधे नहीं बँधते, बाँहें--
रह जातीं खुली की खुली,
ये तोले नहीं तुलते, इस पर
ये आँखें तुली की तुली,
ये कोयल के बोल उड़ा करते, इन्हें थामे हिया रहता!
अनगाए भी ये इतने मीठे
...