डॉ सुधेश

डॉ सुधेश का जन्म 6 जून 1933 को जगाधरी (हरियाणा) में हुआ था। आप दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से हिन्दी के प्रोफ़ेसर पद से सेवानिवृत्त हैं। 1975 से देहली के निवासी।

पुस्तकें
काव्य कृतियाँ

फिर सुबह होगी ही ( राज पब्लिशिंग हाउस ,पुराना सीलमपुर ,दिल्ली ) १९८३
घटनाहीनता के विरुद्ध ( साहित्य संगम , विद्याविहार , पीतमपुरा ,दिल्ली ) १९८८ ,
तेज़ धूप ( साहित्य संगम , दिल्ली ) सन १९९३
जिये गये शब्द ( अनुभव प्रकाशन , साहिबाबाद़ ,ग़ाज़ियाबाद ) सन १९९९
गीतायन ( गीत और ग़ज़लें ) कवि सभा,विश्वास नगर , शाहदरा ,दिल्ली - २००१
बरगद ( खण्डकाव्य ) प्रखर प्रकाशन जनवीनशाहदरा ,दिल्ली - २००१
निर्वासन ( खण्ड काव्य ) साहित्य संगम , पीतमपुरा , दिल्ली - सन २००५
जलती शाम (काव्यसंग़ह) अनुभव प्रकाशन , साहिबाबाद़, ग़ाज़ियाबाद-२००७
सप्तपदी , खण्ड ७(दोहा संग़ह ) अयन प्रकाशन , महरौली ,दिल्ली सन २००७
हादसों के समुन्दर ( ग़ज़लसंग़ह ) पराग बुक्स , ग़ाज़ियाबाद - सन २०१०
तपती चाँदनी ( काव्यसंग़ह ) अनुभव प्रकाशन , साहिबाबाद़ - २०१३

 आलोचनात्मक पुस्तकें

आधुनिक हिन्दी और उर्दू कविता की प़वृत्तियां ,राज पब्लिशिंग हाउस ,पुराना
सीलम पुर दिल्ली सन १९७४
साहित्य के विविध आयाम -शारदा प़काशन ,दिल्ली १९८३
कविता का सृजन और मूल्याँकन - साहित्य संगम, पीतमपुरा ,दिल्ली १९९३
साहित्य चिन्तन - साहित्य संगम , दिल्ली १९९५
सहज कविता ,स्वरूप और सम्भावनाएँ - साहित्य संग़म ,दिल्ली १९९६
भाषा ,साहित्य और संस्कृति - स्रार्थक प़काशन ,दिल्ली २००३
राष़्ट्रीय एकता के सोपान - इण्डियन पब्लिशर्स,क़मला नगर ,दिल्ली २००४
सहज कविता की भूमिका - अनुभव प़काशन ,ग़ाज़ियाबाद २००८
चिन्तन अनुचिन्तन - यश पब्लिकेंशन्स, दिल्ली २०१२
हिन्दी की दशा और दिशा -जनवाणी प़काशन , दिल्ली २०१३
समकालीन हिन्दी कविता का स्वरूप - आलेख प्रकाशन , पाण्डव नगर रोड
शाहदरा , दिल्ली ३२ ( सन २०१५ )

यात्रा वृत्तान्त
नई धरती के लोग ( यूरोप यात्रा ) -- नमन प्रकाशन , आसफ़ अली रोड , दरिया गंज
दिल्ली । सन २००१

पहली दुनिया में ( अमेरिका यात्रा ) आलेख प्रकाशन , नवीन शाहदरा , दिल्ली । सन २००२

भटकते पाँव ( दक्षिणी कोरिया व भारत यात्रा ) जन वाणी प्रकाशन , विश्वासनगर, शाहदरा , दिल्ली । सन २००५

संस्मरण संग्रह

स्मृतियों की धरोहर -- आलेख प्रकाशन , पाण्डव नगर रोड , शाहदरा , दिल्ली
सन २००७
यादों के झरोखों से -- जनवाणी प्रकाशन , विश्वास नगर , शाहदरा , दिल्ली ।
सन २००९

उपन्यास
रेत के टीले -- नमन प्रकाशन , अन्सारी रोड , दरियागंज , दिल्ली । सन २००५
व्यंग्य संग्रह
कब होगा लोकार्पण -- जनवाणी प्रकाशन , विश्वास नगर , शाहदरा , दिल्ली। सन २००७

आत्म कथा
रंग बेरंग, राष्ट्रभाषा प्रचार समिति का प्रकाशन , अहमदाबाद । सन २००७

पुरस्कार -सम्मान

मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी का भारतीय कविता पुरस्कार २००६
भारत सरकार के सूचना प़सारण मंत्रालय का भारतेन्दु हरिश्चन्द़ पुरस्कार २०००
लखनऊ के राष्ट़़धर्म प़काशन का राष्ट़़धर्म गौरव सम्मान २००४
आगरा की नागरी प़चारिणी सभा द्वारा सार्वजनिक अभिनन्दन २००४
दिल्ली की संसदीय हिन्दी परिषद , विविधभारती परिषद , परिचय साहित्य परिषदके संयुक्त तत्वावधान में वर्ष २०१५ का राष्ट्रगौरव सम्मान । २०१५

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डॉ॰ सुधेश के मुक्तक

प्राण का पंछी सवेरे क्यों चहकता है
शबनम बूँद से नया बिरवा लहकता है
हड्डियों के पसीने से इसे सींचा है
फूल मेरे चमन का ज़्यादा महकता है ।

हम ग़म खाते हैं आँसू पीते हैं
केवल अपने ही लिए न जीते हैं
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पीर

हड्डियों में बस गई है पीर।

पाँव में काँटा लगा जैसे
जो बढ़ते क़दम को रोके
मगर इस का क्या करूँ
जो गई मेरी हड्डियों को चीर।

दुख की रात का होता सवेरा
मगर इस का हर घडी डेरा
कौन से मनहूस पल में
किसी दुश्मन ने लिखी तक़दीर।

क्या सजा है इस जनम की
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डॉ सुधेश के दोहे

हिन्दी हिन्दी कर रहे 'या-या' करते यार। 
अंगरेजी में बोलते जहां विदेशी चार॥

मुख पोथी ही नहीं है दर्पण है साकार।
इस पोथी में झांकता अपना मुख सँसार॥

पाकी भी नापाक है हिंसा जिस का धर्म। 
गैरों से है दुश्मनी करता रोज कुकर्म॥

बांस की है बांसुरी शहदीली है तान। 
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डॉ सुधेश की ग़ज़लें

डॉ सुधेश दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से हिन्दी के प्रोफ़ेसर पद से सेवानिवृत्त हैं। आप हिंदी में विभिन्न विधाओ में सृजन करते हैं। यहाँ आपकी ग़ज़लेंसंकलित की गई हैं।

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