अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
बाल-साहित्य
बाल साहित्य के अन्तर्गत वह शिक्षाप्रद साहित्य आता है जिसका लेखन बच्चों के मानसिक स्तर को ध्यान में रखकर किया गया हो। बाल साहित्य में रोचक शिक्षाप्रद बाल-कहानियाँ, बाल गीत व कविताएँ प्रमुख हैं। हिन्दी साहित्य में बाल साहित्य की परम्परा बहुत समृद्ध है। पंचतंत्र की कथाएँ बाल साहित्य का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। हिंदी बाल-साहित्य लेखन की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। पंचतंत्र, हितोपदेश, अमर-कथाएँ व अकबर बीरबल के क़िस्से बच्चों के साहित्य में सम्मिलित हैं। पंचतंत्र की कहानियों में पशु-पक्षियों को माध्यम बनाकर बच्चों को बड़ी शिक्षाप्रद प्रेरणा दी गई है। बाल साहित्य के अंतर्गत बाल कथाएँ, बाल कहानियां व बाल कविता सम्मिलित की गई हैं।

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दोहे - रहीम

रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।।

रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।
सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।।

एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय।
रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।।

चित्रकूट में रमि रहे, रहिमन अवध-नरेस।
जा पर बिपदा पड़त है, सो आवत यह देस।।

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काकी - सियाराम शरण गुप्त | Siyaram Sharan Gupt

उस दिन बड़े सवेरे श्यामू की नींद खुली तो उसने देखा घर भर में कुहराम मचा हुआ है। उसकी माँ नीचे से ऊपर तक एक कपड़ा ओढ़े हुए कम्बल पर भूमि-शयन कर रही है और घर के सब लोग उसे घेर कर बड़े करुण स्वर में विलाप कर रहे हैं।
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रेल | बाल कविता - हरिवंशराय बच्चन

आओ हम सब खेलें खेल
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हम होंगे सबमें पास - अभिषेक कुमार अम्बर

हम होंगे सबमें पास
हम होंगे सबमें पास
हम होंगे सबमें पास
एक दिन
हो..हो..हो..

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हरी सब्जियॉं  - डॉ सुनील बहल

हरी सब्जियों के बड़े गुण,
दादा सदा रटते ये धुन।
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वचनामृत  - प्रो आनंदशंकर बापुभाई ध्रुवजी

तुम्हें चाहिए सदा बहन-भाई से मिलकर रहना;
सबसे मीठे बोल-बोलना, नहीं वचन कटु कहना ।
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कुत्ते की वफ़ादारी - लल्लु भाई रबारी

उत्तर गुजरात के पाटण जिले में राधनपुर नाम का एक छोटा-सा नगर है। वहाँ एक तालाब है, जिसके तट पर एक कुत्ते की समाधि है। समाधि और वह भी कुत्ते की! यह जानकर आश्चर्य होगा ही। उसके पीछे एक सुंदर और हृदय को हिला देनेवाली कथा है।
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