प्रत्येक नगर प्रत्येक मोहल्ले में और प्रत्येक गाँव में एक पुस्तकालय होने की आवश्यकता है। - (राजा) कीर्त्यानंद सिंह।
हास्य काव्य
भारतीय काव्य में रसों की संख्या नौ ही मानी गई है जिनमें से हास्य रस (Hasya Ras) प्रमुख रस है जैसे जिह्वा के आस्वाद के छह रस प्रसिद्ध हैं उसी प्रकार हृदय के आस्वाद के नौ रस प्रसिद्ध हैं - श्रृंगार रस (रति भाव), हास्य रस (हास), करुण रस (शोक), रौद्र रस (क्रोध), वीर रस (उत्साह), भयानक रस (भय), वीभत्स रस (घृणा, जुगुप्सा), अद्भुत रस (आश्चर्य), शांत रस (निर्वेद)।

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आदमी से अच्छा हूँ ....! - हलीम 'आईना'

भेड़िए के चंगुल में फंसे
मेमने  ने कहा--
'मुझ मासूम को खाने वाले
हिम्मत है तो
आदमी को खा!'
...

शादी मत करना - गौरीशंकर 'मधुकर'

अफसर ने अफसरी
छांटते हुए
ऑफिस के क्लर्क
को डांटते हुए कहा- बहुत हो गया
कितनी छुट्टियां
ले चुके हो?
दो बार विदाउट
पे हो चुके हो
कभी ससुराल जाना
कभी बच्चे को
स्कूल में भर्ती कराना
कभी मां बीमार
कभी साले की सगाई
कभी साली की गोद-भराई
न जाने कैसे-कैसे बहाने बनाते हो!
महीने में पंद्रह  दिन
ऑफिस आते हो
क्लर्क को
कोई फर्क नहीं पड़ा
बेशर्मी से
मुस्कुराकर बोल पड़ा
सर! एक बार
और छुट्टी दे दीजिए
आप तो दयालु हैं
कृपा कीजिए
आगे से
छुट्टी पर नहीं जाऊंगा
दरअसल सरकारी
नौकरी वालों को
शादी जल्दी हो जाती है
यहां आपका हुक्म चलता है
वो घर पर चलाती है 
यहां आपके अंडर में रहता हूं
वहां उसके अंडर में रहता है
इसलिए तो
मैं कुंवारों से कहता हूं
अपने हाथों
अपनी जिंदगी
तबाह मत करना
कोई कितना भी
लालच क्यों ना दे मगर
भूलकर भी जा
तुम शादी मत करना। 
...

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