अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
लघुकथाएं
लघु-कथा, *गागर में सागर* भर देने वाली विधा है। लघुकथा एक साथ लघु भी है, और कथा भी। यह न लघुता को छोड़ सकती है, न कथा को ही। संकलित लघुकथाएं पढ़िए -हिंदी लघुकथाएँप्रेमचंद की लघु-कथाएं भी पढ़ें।

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मैं हिंदोस्तान हूँ | लघु-कथा - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड

मैंने बड़ी हैरत से उसे देखा। उसका सारा बदन लहूलुहान था व बदन से मा‍नों आग की लपटें निकल रही थीं। मैंने उत्सुकतावश पूछा, "तुम्हें क्या हुआ है?"
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स्वतंत्रता-दिवस | लघु-कथा - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड

महानगर का एक उच्च-मध्यम वर्गीय परिवार।
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