कहानियां
कहानियों के अंतर्गत यहां आप हिंदी की नई-पुरानी कहानियां पढ़ पाएंगे जिनमें कथाएं व लोक-कथाएं भी सम्मिलित रहेंगी। पढ़िए मुंशी प्रेमचंद, रबीन्द्रनाथ टैगोर, भीष्म साहनी, मोहन राकेश, चंद्रधर शर्मा गुलेरी, फणीश्वरनाथ रेणु, सुदर्शन, कमलेश्वर, विष्णु प्रभाकर, कृष्णा सोबती, यशपाल, अज्ञेय, निराला, महादेवी वर्मालियो टोल्स्टोय की कहानियां

Articles Under this Category

मेंढ़की का ब्याह - वृंदावनलाल वर्मा

उन जिलों में त्राहि-त्राहि मच रही थी। आषाढ़ चला गया, सावन निकलने को हुआ, परन्तु पानी की बूंद नहीं। आकाश में बादल कभी-कभी छिटपुट होकर इधर-उधर बह जाते। आशा थी कि पानी बरसेगा, क्योंकि गांववालों ने कुछ पत्रों में पढ़ा था कि कलकत्ता-मद्रास की तरफ जोर की वर्षा हुई है। लगते आसाढ़ थोड़ा सा बरसा भी था । आगे भी बरसेगा, इसी आशा में अनाज बो दिया गया था । अनाज जम निकला, फिर हरियाकर सूखने लगा। यदि चार-छ: दिन और न बरसा, तो सब समाप्त । यह आशंका उन जिलों के गांवों में घर करने लगी थी। लोग व्याकुल थे।
...

गीली मिट्टी - अमृतराय

नींद में ही जैसे मैंने माया की आवाज़ सुनी और चौंककर मेरी आंख खुल गई। बगल के पलंग पर नज़र गई, माया वहां नहीं थी। आज इतने सवेरे माया कैसे उठ गई, कुछ बात समझ में नहीं आई ।
...

गिल्लू - महादेवी वर्मा | Mahadevi Verma

सोनजुही में आज एक पीली कली लगी है। इसे देखकर अनायास ही उस छोटे जीव का स्मरण हो आया, जो इस लता की सघन हरीतिमा में छिपकर बैठता था और फिर मेरे निकट पहुँचते ही कंधे पर कूदकर मुझे चौंका देता था। तब मुझे कली की खोज रहती थी, पर आज उस लघुप्राण की खोज है।
...

घासवाली  - मुंशी प्रेमचंद | Munshi Premchand


मुलिया हरी-हरी घास का गट्ठा लेकर आयी, तो उसका गेहुआँ रँग कुछ तमतमाया हुआ था और बड़ी-बड़ी मद-भरी आँखों में शंका समाई हुई थी। महावीर ने उसका तमतमाया हुआ चेहरा देखकर पूछा -- क्या है मुलिया, आज कैसा जी है?
...

गूंगी - रबीन्द्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore

कन्या का नाम जब सुभाषिणी रखा गया था तब कौन जानता था कि वह गूंगी होगी। इसके पहले, उसकी दो बड़ी बहनों के सुकेशिनी और सुहासिनी नाम रखे जा चुके थे, इसी से तुकबन्दी मिलाने के हेतु उसके पिता ने छोटी कन्या का नाम रख दिया सुभाषिणी। अब केवल सब उसे सुभा ही कहकर बुलाते हैं।
...

कवि का चुनाव - सुदर्शन | Sudershan

[ 1 ]
...

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें