मजहब को यह मौका न मिलना चाहिए कि वह हमारे साहित्यिक, सामाजिक, सभी क्षेत्रों में टाँग अड़ाए। - राहुल सांकृत्यायन।
बच्चों की कविताएं
यहाँ आप पाएँगे बच्चों के लिए लिखा बाल काव्य जिसमें छोटी बाल कविताएं, बाल गीत, बाल गान सम्मिलित हैं।

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होली आई रे | बाल कविता - प्रकाश मनु | Prakash Manu

चिट्ठी में है मन का प्यार
चिट्ठी है घर का अखबार
इस में सुख-दुख की हैं बातें
प्यार भरी इस में सौग़ातें
कितने दिन कितनी ही रातें
तय कर आई मीलों पार।
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डा रामनिवास मानव की बाल-कविताएं - डॉ रामनिवास मानव | Dr Ramniwas Manav

डा रामनिवास मानव की बाल-कविताएं
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होली | बाल कविता - गीत माला

होली आई, होली आई,
रंग उड़ाती होली आई।
नन्हें-मुन्नों को भाति होली आई,
अबीर-गुलाल से खेलो होली भाई।
मतवालों की टोली चिल्लाती आई,
इन्हें गुज़िया खिलाओ भाई,
होली आई, होली आई।
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सूरज दादा कहाँ गए तुम - आनन्द विश्वास (Anand Vishvas)

सूरज  दादा  कहाँ   गए  तुम,
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बगीचा - आनन्द विश्वास (Anand Vishvas)

मेरे घर में बना बगीचा,
हरी घास ज्यों बिछा गलीचा।
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होली | बाल कविता - गुलशन मदान


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