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कविताएं |
देश-भक्ति की कविताएं पढ़ें। अंतरजाल पर हिंदी दोहे, कविता, ग़ज़ल, गीत क्षणिकाएं व अन्य हिंदी काव्य पढ़ें। इस पृष्ठ के अंतर्गत विभिन्न हिंदी कवियों का काव्य - कविता, गीत, दोहे, हिंदी ग़ज़ल, क्षणिकाएं, हाइकू व हास्य-काव्य पढ़ें। हिंदी कवियों का काव्य संकलन आपको भेंट! |
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साजन! होली आई है! - फणीश्वरनाथ रेणु | Phanishwar Nath 'Renu' |
साजन! होली आई है! |
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एक भी आँसू न कर बेकार - रामावतार त्यागी | Ramavtar Tyagi |
एक भी आँसू न कर बेकार - |
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ऋतु फागुन नियरानी हो - कबीरदास | Kabirdas |
ऋतु फागुन नियरानी हो, |
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मुक्तिबोध की कविता - गजानन माधव मुक्तिबोध | Gajanan Madhav Muktibodh |
मैं बना उन्माद री सखि, तू तरल अवसाद |
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मैं दिल्ली हूँ | चार - रामावतार त्यागी | Ramavtar Tyagi |
क्यों नाम पड़ा मेरा 'दिल्ली', यह तो कुछ याद न आता है । |
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रंग की वो फुहार दे होली - गोविंद कुमार |
रंग की वो फुहार दे होली |
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हमारी सभ्यता - मैथिलीशरण गुप्त | Mathilishran Gupt |
शैशव-दशा में देश प्राय: जिस समय सब व्याप्त थे, |
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होली - मैथिलीशरण गुप्त - मैथिलीशरण गुप्त | Mathilishran Gupt |
जो कुछ होनी थी, सब होली! |
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खेलो रंग अबीर उड़ावो - होली कविता - अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' | Ayodhya Singh Upadhyaya Hariaudh |
खेलो रंग अबीर उड़ावो लाल गुलाल लगावो । |
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राजनैतिक होली - डॉ एम.एल.गुप्ता आदित्य |
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रंगो के त्यौहार में तुमने - राहुल देव |
रंगो के त्यौहार में तुमने क्यों पिचकारी उठाई है? |
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तुझसंग रंग लगाऊँ कैसे - प्रशांत कुमार पार्थ |
चढी है प्रीत की ऐसी लत |
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बरस-बरस पर आती होली - गोपाल सिंह नेपाली | Gopal Singh Nepali |
बरस-बरस पर आती होली, |
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आओ होली खेलें संग - रोहित कुमार 'हैप्पी' |
कही गुब्बारे सिर पर फूटे |
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आओ होली खेलें संग - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड |
कही गुब्बारे सिर पर फूटे |
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खेलो रंग से | कविता - डॉ. श्याम सखा श्याम |
खेलो रंग से |
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आज नई आई होली है - उदयशंकर भट्ट |
आज नई आई होली है । |
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बलजीत सिंह की दो कविताएं - बलजीत सिंह |
बर्फ का पसीना
सर्द |
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वृक्ष की चेतावनी - अंशु शुक्ला |
ओ मानव! तू सोच जरा, |
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वसन्त आया - सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' | Suryakant Tripathi 'Nirala' |
सखि, वसन्त आया । |
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ख़ून की होली जो खेली - सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' | Suryakant Tripathi 'Nirala' |
रँग गये जैसे पलाश; |
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जो पुल बनाएँगें - अज्ञेय | Ajneya |
जो पुल बनाएँगें |
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आया मधुऋतु का त्योहार - आनन्द विश्वास (Anand Vishvas) |
खेत-खेत में सरसों झूमे, सर-सर बहे बयार, |
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होली आई - होली आई - हर्ष कुमार |
बहुत नाज़ था उसको खुद पर, नहीं आंच उसको आयेगी |
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होली की रात | Jaishankar Prasad Holi Night Poetry - जयशंकर प्रसाद | Jaishankar Prasad |
बरसते हो तारों के फूल |
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आँसू के कन - जयशंकर प्रसाद | Jaishankar Prasad |
वसुधा के अंचल पर |
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परिंदे की बेज़ुबानी - डॉ शम्भुनाथ तिवारी |
बड़ी ग़मनाक दिल छूती परिंदे की कहानी है! |
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