यह संदेह निर्मूल है कि हिंदीवाले उर्दू का नाश चाहते हैं। - राजेन्द्र प्रसाद।
गीत

गीतों में प्राय: श्रृंगार-रस, वीर-रस व करुण-रस की प्रधानता देखने को मिलती है। इन्हीं रसों को आधारमूल रखते हुए अधिकतर गीतों ने अपनी भाव-भूमि का चयन किया है। गीत अभिव्यक्ति के लिए विशेष मायने रखते हैं जिसे समझने के लिए स्वर्गीय पं नरेन्द्र शर्मा के शब्द उचित होंगे, "गद्य जब असमर्थ हो जाता है तो कविता जन्म लेती है। कविता जब असमर्थ हो जाती है तो गीत जन्म लेता है।" आइए, विभिन्न रसों में पिरोए हुए गीतों का मिलके आनंद लें।

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आज़ादी से पहले के गीत - भारत-दर्शन संकलन

आज़ादी से पहले के गीतों का संकलन।
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आज़ाद हिंद फौज के कौमी तराने | संकलन - भारत-दर्शन संकलन

आज़ाद हिंद फौज के क़ौमी तरानों का संकलन।
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दिन अच्छे आने वाले हैं - गयाप्रसाद शुक्ल सनेही

जब दुख पर दुख हों झेल रहे, बैरी हों पापड़ बेल रहे,
हों दिन ज्यों-त्यों कर ढेल रहे, बाकी न किसी से मेल रहे,
तो अपने जी में यह समझो,
दिन अच्छे आने वाले हैं ।
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मौन ओढ़े हैं सभी | राजगोपाल सिंह का गीत - राजगोपाल सिंह

मौन ओढ़े हैं सभी तैयारियाँ होंगी ज़रूर
राख के नीचे दबी चिंगारियाँ होंगी ज़रूर
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धरती बोल उठी - रांगेय राघव

चला जो आजादी का यह
नहीं लौटेगा मुक्त प्रवाह,
बीच में कैसी हो चट्टान
मार्ग हम कर देंगे निर्बाध।

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फिर उठा तलवार - रांगेय राघव

एक नंगा वृद्ध
जिसका नाम लेकर मुक्त
होने को उठा मिल हिंद
कांपते थे सिन्धु औ' साम्राज्य
सिर झुकाते थे सितमगर त्रस्त
आज वह है बंद
मेरे देश हिन्दुस्तान
बर्बर आ रहा है जापान
जागो जिन्दगी की शान

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क़दम-क़दम बढ़ाये जा | अभियान गीत - वंशीधर शुक्ल

क़दम-क़दम बढ़ाये जा
खुशी के गीत गाये जा
यह ज़िन्दगी है कौम की
तू कौम पर लुटाये जा
बढ़ाये जा, क़दम-क़दम बढ़ाये जा।
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शुभ सुख चैन की बरखा बरसे | क़ौमी तराना - भारत-दर्शन संकलन

शुभ सुख चैन की बरखा बरसे
भारत भाग्य है जागा
पंजाब, सिंधु, गुजरात, मराठा
द्राविड़, उत्कल, बंगा
चंचल सागर, विंध्य हिमालय
नीला यमुना गंगा
तेरे नित गुण गाएं
तुझसे जीवन पाएं
सब जन पाएं आशा
सूरज बनकर जग पर चमके
भारत नाम सुभागा
जय हो, जय हो, जय हो, जय जय जय जय हो
भारत नाम सुभागा
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हम देहली-देहली जाएँगे  - मुमताज हुसैन

हम देहली-देहली जाएँगे
हम अपना हिंद बनाएँगे
अब फौ़जी बनके रहना है
दु:ख-दर्द, मुसीबत सहना है
सुभाष का कहना कहना है
चलो देहली चलके रहना है
हम देहली-देहली जाएँगे।
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सुभाषजी | गीत - मुमताज़ हुसैन

सुभाष जी
सुभाष जी
वह जाने हिन्‍द आ गए
है नाज़ जिस पे हिन्‍द को
वह जाने हिन्‍द आ गए
सुभाष जी
सुभाष जी
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उठो सोए भारत के नसीबों को जगा दो - जी.एस. ढिल्‍लों

उठो सोए भारत के नसीबों को जगा दो
आजा़दी यूँ लेते हैं जवाँ, ले के दिखा दो
खूँखार बनो शेर मेरे हिन्‍दी सिपाही
दुश्‍मन की सफ़े तोड़ दो एक तहलका मचा दो।
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आजा़द हिन्‍द सेना ने जब - कप्तान रामसिंह ठाकुर

आजा़द हिन्‍द सेना ने जब
नेता जी का पैगाम लिया
जय हिन्‍द का नारा गूँज उठा
हाथों में तिरंगा थाम लिया।
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हम भारत की बेटी हैं - अज्ञात

हम भारत की बेटी हैं, अब उठा चुकीं तलवार
हम मरने से नहीं डरतीं, नहीं पीछे पाँव को धरतीं
आगे ही आगे बढ़तीं, कस कमर हुईं तैयार
हम भारत की बेटी...
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प्यार मुझसे है तो - बल्लभेश दिवाकर

प्यार मुझसे है तो जलना सीख ले!
प्यार मुझसे है तो मरना सीख ले ।
मैं तुम्हे दूंगा हमेशा मुश्किलें
तू उन्हें आसान करना सीख ले ।
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हम आज भी तुम्हारे... - भारत भूषण

हम आज भी तुम्हारे तुम आज भी पराये,
सौ बार आँख रोई सौ बार याद आये ।
इतना ही याद है अब वह प्यार का ज़माना,
कुछ आँख छलछलाई कुछ ओंठ मुसकराये ।
मुसकान लुट गई है तुम सामने न आना,
डर है कि ज़िन्दगी से ये दर्द लुट न जाए ।
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तुम मेरे आंसू .. - भारत भूषण

तुम मेरे आंसू की बूंद बनो लेकिन पलकों से बाहर मत आना!
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न इतने पास आ जाना .. - भारत भूषण

न इतने पास आ जाना मिलन भी भार हो जाये,
न इतने दूर हो जाना कि जीवन भर न मिल पाऊँ!

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