अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।

राम का नाम बड़ा सुखदाई | भजन

 (काव्य) 
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रचनाकार:

 रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड

राम का नाम बड़ा सुखदाई
तेरे प्रेम में हुआ शौदाई।

कोई तो सिर है लई मुडाई
किसी ने अपनी जटा बड़ाई।

तेरा हरदम ध्यान धरू मैं
सब रोगों की तू ही दवाई।

संकट सिर पै आन पड़ै जब
तुमने मेरी लाज बचाई।

तू दुख सबके हरने वाला
तुमको रोहित व्यथा सुनाई।

-रोहित कुमार 'हैप्पी'

[27-08-1996]

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