देशभाषा की उन्नति से ही देशोन्नति होती है। - सुधाकर द्विवेदी।

श्रमिक हाइकु

 (काव्य) 
Print this  
रचनाकार:

 रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड

ये मज़दूर
कितने मजबूर
घर से दूर!

#

करता श्रम
आएंगे अच्छे दिन
पाले है भ्रम!

- रोहित कुमार 'हैप्पी'

Back
 
Post Comment
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें