भारत की परंपरागत राष्ट्रभाषा हिंदी है। - नलिनविलोचन शर्मा।

लोगे मोल? | कविता

 (काव्य) 
Print this  
रचनाकार:

 नागार्जुन | Nagarjuna

लोगे मोल?
लोगे मोल?
यहाँ नहीं लज्जा का योग
भीख माँगने का है रोग
पेट बेचते हैं हम लोग
लोगे मोल?
लोगे मोल?

बेचेंगे हम सेवाग्राम
सस्ता है गांधी का नाम
रघुपति राघव राजाराम
लोगे मोल?
लोगे मोल?

आज़ादी के नोचे बाल
संविधान की खींची खाल
बेशर्मी की गढ़ ली ढाल
लोगे मोल?
लोगे मोल?

-नागार्जुन

[साभार - हज़ार हज़ार बाँहों वाली]

Back
 
Post Comment
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश