अमिता शर्मा की दो क्षणिकाएं  (काव्य)

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Author: अमिता शर्मा

सांप

मीठा बनकर
जब भी कोई डसता है
तो...
जाने क्यूं !
सांप पर मुझे
बहुत प्यार आता है।

- अमिता शर्मा

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सवाल

वो....
जो नमक छिड़कते हैं
किसी के दुखते छालों पर,
एक सवाल पूछने को
जी करता है..
क्या तुम,
सुख की गारंटी लेकर आए हो?

- अमिता शर्मा

 

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