यह संदेह निर्मूल है कि हिंदीवाले उर्दू का नाश चाहते हैं। - राजेन्द्र प्रसाद।

सुभाषजी | गीत (काव्य)

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Author: मुमताज़ हुसैन

सुभाष जी
सुभाष जी
वह जाने हिन्‍द आ गए
है नाज़ जिस पे हिन्‍द को
वह जाने हिन्‍द आ गए
सुभाष जी
सुभाष जी

सुभाष जाने - हिन्‍द है।
सुभाष माने हिन्‍द है
सुभाष आने हिन्‍द है
सुभाष शाने हिन्‍द है
सुभाष जी सुभाष जी...

कली-कली-कली-कली
अन्‍दलोब वह चली
गली-गली-गली-गली
वह आम हलक जा रहे
सुभाष जी सुभाष जी...

वह आने हिन्‍द लाएँगे
वह शाने हिन्‍द लाएँगे
फिरंगियों की कौ़म पर
वह क़हर बन के छाएँगें
सुभाष जी सुभाष जी

खुशी का दौर आ गया
निशात बन के छा गया
वह एशिया का आफ़ताब
एशिया में आ गया
सुभाष जी
सुभाष जी...

- मुमताज़ हुसैन

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