अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
जब बांधूंगा उनको राखी (बाल-साहित्य )    Print  
Author:दिविक रमेश
 

माँ मुझको अच्छा लगता जब
मुझे बांधती दीदी राखी
तुम कहती जो रक्षा करता
उसे बांधते हैं सब राखी।

तो माँ दीदी भी तो मेरी
हर दम देखो रक्षा करती
जहां मैं चाहूं हाथ पकड़ कर
वहीं मुझे ले जाया करती।

मैं भी माँ दीदी को अब तो
बांधूंगा प्यारी सी राखी
कितना प्यार करेगी दीदी
जब बांधूंगा उनको राखी!

-दिविक रमेश

 

Back
 
 
Post Comment
 
  Captcha
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश