भारत वर्ष की श्रेष्ठता | भारत-भारती (काव्य)    Print  
Author:मैथिलीशरण गुप्त | Mathilishran Gupt
 

भू-लोक का गौरव प्रकृति का पुण्य लीला-स्थल कहाँ ?
फैला मनोहर गिरी हिमालय और गंगाजल जहाँ ।
सम्पूर्ण देशों से अधिक किस देश का उत्कर्ष है ,
उसका कि जो ऋषिभूमि है, वह कौन ? भारत वर्ष है ।।१५।।

हाँ, वृद्ध भारतवर्ष ही संसार का सिरमौर है ,
ऐसा पुरातन देश कोई विश्व में क्या और है ?
भगवान की भव-भूतियों का यह प्रथम भण्डार है,
विधि ने किया नर-सृष्टि का पहले यहीं विस्तार है ।।१६।।

यह पुण्य भूमि प्रसिद्ध है, इसके निवासी 'आर्य्य' हैं;
विद्या, कला-कौशल्य सबके, जो प्रथम आचार्य्य हैं ।
संतान उनकी आज यद्यपि, हम अधोगति में पड़े;
पर चिन्ह उनकी उच्चता के, आज भी कुछ हैं खड़े ।।१७।।


#

भारत-भारती से साभार

 

Back
 
 
Post Comment
 
  Captcha
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें