जब से हमने अपनी भाषा का समादर करना छोड़ा तभी से हमारा अपमान और अवनति होने लगी। - (राजा) राधिकारमण प्रसाद सिंह।
इश्तहार | लघु-कथा (कथा-कहानी)    Print  
Author:रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
 

"मेरा बहुत सा क़ीमती सामान जिसमें शांति, सद्‌भाव, राष्ट्र-प्रेम, ईमानदारी, सदाचार आदि शामिल हैं - कहीं गुम गया है। जिस किसी सज्जन को यह सामान मिले, कृपया मुझ तक पहुँचाने का कष्ट करे।

आपका अपना,
भारत बनाम हिंदोस्तान "

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                                      -रोहित कुमार 'हैप्पी'

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