प्रत्येक नगर प्रत्येक मोहल्ले में और प्रत्येक गाँव में एक पुस्तकालय होने की आवश्यकता है। - (राजा) कीर्त्यानंद सिंह।
 

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कसौटी

जो चटटानों से न टकराए
वो कब झरना बनता है,
उलझते टकराते इन राहों में
ये झरना हरपल छनता है।

दुस्सह थपेड़ों को सहकर
बाधाएँ पार जो करता है,
वही जीवन के अभिनव पथ पर
लक्ष्य-शिखर को पाता है।

कठिन डगर की आग में तपकर
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मुकाम

हमेशा छोटी-छोटी
गलतियों से बचना
अच्छा होता है,
छोटी-छोटी गलतियों
से ही इनसान
ऊँचाइयों को खोता है,
इनसान को देखो तो
वह पहाड़ से नहीं
पत्थरों से ठोकर खाता है।
जो ठोकर खाकर
सँभल जाए
वही अपना मुकाम पाता है।

- रमेश पोखरियाल ‘निशंक'
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जीवन और मौसम

छँटने लगे हैं बादल
धुंध होने लगी कम,
नई सुबह की है आहट
बदलने लगा मौसम। 
दिखने लगा रास्ता
मिटने लगा है भ्रम,
जीवन की घोर बाधाएँ
दृढ़ता के सामने
पड़ने लगी हैं कम। 
प्रकृति के साथ-साथ
जीवन का भी
बदलने लगा जीवन।

- रमेश पोखरियाल 'निशंक'
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रमेश पोखरियाल 'निशंक' की क्षणिकाएँ

रिश्ते

रिश्ते निभाने के लिए
कहाँ कसमें खानी पड़ती हैं
कहाँ शर्तें रखनी पड़ती
हैं भारी ।
रिश्तों में होनी चाहिए
बस, ईमानदारी, विश्वास
और समझदारी।

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दोस्ती

दोस्ती बड़ी नहीं होती है
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