बादल भैया, जल बरसा जा
सूरज, मत ढक, नीचे आजा॥
धरती पर हरियाली होगी,
रंग-बिरंगे फूल लगा जा॥
इन फूलों पर तितली नाचें,
होगा अपना खेल जरा सा॥
इतनी दूर तुम्हारा घर है,
और हवा की सैर सवारी॥
अगली बार मेरे घर आना,
तारे,चंदा परियां लाना॥
-क्षेत्रपाल शर्मा
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