हिंदी समस्त आर्यावर्त की भाषा है। - शारदाचरण मित्र।

जो किसी का बुरा... (काव्य)

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Author: शिव ओम अंबर

जो किसी का बुरा नहीं होता
शख़्स ऐसा भला नहीं होता।

दोस्तों से शिकायतें होंगी
दुश्मनों से गिला नहीं होता।

हर परिन्दा स्वयं बनाता है,
अर्श पे रास्ता नहीं होता।

इश्क के कायदे नहीं होते,
दर्द का फलसफा नहीं होता।

फितरतन गलतियाँ करेगा वो
आदमी देवता नहीं होता।

खत लिखोगे हमें कहाँ आखिर
जोगियों का पता नहीं होता।

-शिव ओम अंबर

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